1. ISP या तीसरे पक्ष को ब्राउज़िंग रिकॉर्ड उजागर होनाअगर आप VPN का उपयोग करते हैं लेकिन DNS अनुरोध VPN के बजाय स्थानीय ISP के DNS सर्वर से होते हैं, तो ISP अभी भी देख सकता है कि आप कौन सी वेबसाइट देख रहे हैं। यह VPN की गोपनीयता सुरक्षा को विफल कर देता है।
 2. सरकार या हैकर द्वारा निगरानीDNS अनुरोध स्पष्ट रूप से होते हैं, अगर वे एन्क्रिप्टेड नहीं हैं और लीक हो जाते हैं, तो सरकारी एजेंसियां, हैकर, सार्वजनिक WiFi हमलावर आदि इन अनुरोधों की निगरानी कर सकते हैं और आपकी ब्राउज़िंग आदतें जान सकते हैं।
 3. सटीक विज्ञापन ट्रैकिंग और व्यवहार विश्लेषणविज्ञापनदाता या डेटा कंपनियां DNS डेटा के माध्यम से आपकी रुचियों, व्यवहार और अक्सर देखी जाने वाली वेबसाइटों का विश्लेषण कर सकती हैं, सटीक प्रोफाइलिंग और विज्ञापन भेज सकती हैं, जिससे व्यक्तिगत गोपनीयता का उल्लंघन होता है।
 4. वास्तविक IP उजागर होनाकुछ गलत VPN सेटअप में DNS लीक आपके वास्तविक IP को भी उजागर कर सकता है, जिससे आपके स्थान और पहचान का पता लगाया जा सकता है।
 5. सुरक्षा में कमी, DNS धोखाधड़ी का खतराअविश्वसनीय DNS सर्वर का उपयोग करने से 'DNS हाईजैक' या 'DNS धोखाधड़ी' हो सकती है, जिससे आप फिशिंग या दुर्भावनापूर्ण वेबसाइट पर पहुंच सकते हैं।